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ਚਤੁਰ ਭੁਜ ਦਾ ਪੰਜਵਾਂ ਕੋਣ{ਦੀਪ ਜੀਰਵੀ }


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jaldi hee...

Thursday, May 7, 2009


आज एक दोस्त ने कहा- माफी मांगता हूं यार. मैं शर्मिंदा हुआ. मेरे पास माफी नहीं थी. जाहिर तौर पर मैंने बुझे स्वर में उससे कहा- मैं नहीं दे सकता. वह बुरा मान गया. असल में सचमुच मेरे पास माफी नहीं है. मैं खर्च कर चुका हूं अपनी सारी माफियां. अपने हिस्से की सारी माफियां लोगों को दे दीं. मैंने सिगरेट चुराने वाले दोस्त को माफी दे दी, जिसने भटकने के लिए छोड दिया सडको पर उसे भी माफ कर दिया. वो जो हर रोज मेरी नोटबुक का पन्ना फाडता था उसे भी माफी देनी पडी. सबसे हंसौड साथी था वह. ऐसे कई हैं. गिनाकर उन्हें छोटा नहीं करना चाहता. पर उदाहरण हैं कि कहां खर्च कर दीं. हालांकि हिसाब नहीं है. जब माफियां थीं. दिल बडा था. गोदाम की तरह. किसी को भी माफ कर देते थे. सोचा ही नहीं कि बाज वक्त में माफी देने की जरूरत पडेगी तो कहां से लाएंगे.

आप कह रहे होंगे कि मांग लो किसी से. कैसे मांग लें? उसने पता नहीं किस जरूरत के लिए रखी हो बचाकर. आपको दे दे. यार माफी भी कोई मांगने की चीज हैदोस्तों की तरफ देखता हूं. तो लगता है वे भी माफी मांग रहे हैं. सच बताउं तो ये पहली बार नहीं है जब माफ करने की जरूरत पडी है. मैं कब से माफी देना चाहता हूं, है ही नहीं सब खत्म हो गई. आडवाणी को माफ नहीं कर पा रहा, बाबरी के लिए. मोदी को गुजरात के लिए, उमा भारती को भी नहीं कर पाया धार के लिए, ये इधर ही शिवराज सिंह है, दिग्विजय सिंह है, वो किसी रियासत का 'राजकुमार' है, ज्योदिरादित्य. इन सबको कहां से और कैसे माफ कर दूं. मनमोहन सिंह है, बडे पटेल हैं, अनिल अंबानी और जमशेदपुर को बूचडखाना बनाने वाले टाटा. उधर अमेरिका में बैठा जार्ज बुश है, चर्चिल भी. माफ तो मुलायम सिंह को भी करना है, अमिताभ बच्चन को माफ करना है. नवजोत सिंह सिददू को माफी देनी है.... कई सारी माफियां चाहिए. इतनी सारी माफी कहां से लाउं.. फिर सोचता हूं इन्हें माफ कर देने भर से क्या होगा. इन सबको माफ करने का जुगाड कर भी लिया, तो ये वरुण गांधी को करने के लिए चाहिए होगी, कोई और सिंह, शर्मा, सिन्हा, झा होगा, जो तैयारी कर रहा होगा, दुनिया को बदसूरत बनाने की.

नहीं माफ करने से काम नहीं चलेगा. अब नहीं दूंगा माफी. है ही नहीं. होती तब भी नहीं देता. तुम भी मुझे माफ मत करना. सारी माफियां बहा दो अरब सागर में. दिल बडा है तो क्या सबको माफ ही करते रहें? इस दुनिया को प्रेम करने के लिए है ये दिल बडा, या इन मनुओं को माफ करने के लिए? तुम जो आज पैदा हुए हो मार्क्स, तुम ही बताओ कल को हिटलर आ गया तो क्या उसे भी माफी दे देंगे हम सब?

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